थायराइड कोई बीमारी नहीं, बल्कि हमारे गले में आगे की तरफ पाए जाने वाली एक ग्रंथि होती है। यह तितली के आकार की होती है। यही ग्रंथि शरीर की कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। यही ग्रंथि खाये हुए भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करती है। थायराइड ग्रंथि टी3 मतलब ट्राईआयोडोथायरोनिन और टी4 यानी थायरॉक्सिन हार्मोंन बनाती है। इन हार्मोंस का हमारी सांस, हृदय गति, सिस्टम और रक्त की गर्मी पर असर पड़ता है। साथ मे ये हड्डियों, मांसपेशियों व कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करते हैं। जब ये हार्मोंस बिगड़ जाते हैं तो वजन कम या ज्यादा होने लगता है, इसे ही थायराइड की बिमारी कहते हैं!
इसके अलावा, एक और एंडोक्राइन मस्तिष्क के भीतर अंतःस्रावी ग्रंथि से मुक्त होता है, जिसे थायरॉयड उत्तेजक एंडोक्राइन (टीएसडी) के रूप में जाना जाता है। यह एंडोक्राइन शरीर के भीतर विपरीत 2 थायराइड हार्मोन T3 और T4 के प्रवाह को नियंत्रित करता है। यह आपके वजन, रक्त की गर्मी, मांसपेशियों की ताकत और यहां तक कि आपके मूड पर भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आजकल बहुत से लोग थायराइड की बीमारी से भरे हुए हैं। अंतःस्रावी असंतुलन अतिरिक्त रूप से थायरॉयड के भीतर वजन बढ़ने के साथ होता है। एक अध्ययन के अनुसार, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में 10 गुना अतिरिक्त थायरॉयड विकार होता है। इसका सबसे कारण अक्सर महिलाओं में प्रतिक्रिया का मामला अतिरिक्त होता है। स्वास्थ्य ज्ञान को ध्यान में रखते हुए, थायराइड हार्मोन शरीर के तत्वों के पारंपरिक कामकाज के लिए आवश्यक हैं।
आज से 5 वर्ष पहले मुझे थाइरोइड की समस्या थी और मुझे 2 वर्ष तक पता नहीं चला मेरे पुरे शरीर मे सूजन आने लगा फिर मैंने डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने मेरा थाइरोइड की रिपोर्ट कराने को कहा तो रिपोर्ट कराने पर पता चला मुझे हाइपो थाइरोइड था !
मैंने इसकी काफी दवा कराई लेकिन दवा छोड़ते ही वापस हो जाता था फिर मैंने कुछ उपाए किये उस के बाद धीरे - धीरे मेरा थाइरोइड ठीक होने लगा उसी उपाए को आप लोगो के साथ साँझा करने हु ताकि आप सब मे से किसी को भी थाइरोइड हो या किसी दोस्त को हो तो उसकी सहायता कर सको मैंने इस उपाए से बहुत लोगो के थाइरोइड ठीक किये है !
थाइरोइड भी आम बीमारी की तरह हो यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले अधिकतर महिलाओं में पाई जाती है। इसके मुख्ये कारणों में से प्रमुख कारण हमारी तनावग्रस्त जीवनशैली है।
थाइरोइड के 2 प्रमुख रूप है
- हाइपो थाइरोइड |Hypothyroidism
- हाइपर थाइरोइड | Hyperthyroidism
हाइपो थाइरोइड (Hypothyroidism) के लक्षण
- शरीर मे सूजन रहना
- भूख ज्यादा या कम लगा
- ज़्यादा थकान महसूस होना
- महिला को मासिक धर्म चक्र अनियमित हो सकते हैं (अपने चिकित्स्क से जांच कराएं)
- पैर के घुटनो का दर्द होना
- सिर के बालो का झड़ना
- गले में सूजन आना
- आवाज भरी होना
हाइपर थाइरोइड (Hyperthyroidism) के लक्षण
- आप जितना भी ज़्यादा भोजन ग्रहण करें आप दुबले पतले बने रहते हैं
- सोने में परेशानी होती है।
- आपको ज्यादा पसीना आता हो।
- आप छोटी छोटी कामो से तनाव, एवं जल्दबाज़ी में रहते हैं।
आपको कोई भी थाइरोइड क्यों न हो हम आपको ऐसा उपाए बतायेंगे आपका हाइपो थाइरोइड Hypothyroidism व हाइपर थाइरोइड | Hyperthyroidism दोनों एक ही उपाए मे कुछ दिन इसका उपयोग करके हमेशा के लिए थाइरोइड ठीक हो जाओगे तो चलिए आपको उपाए बताते है अगर आपको थाइरोइड ज्यादा है तो आप पहले डॉक्टर से चेक करवा के अंग्रेजी दवा ले लो और साथ मेरे बताये हुए उपाए भी करे आपको रोज सुबह को जल्दी उठ कर बताये हुए योग करना होगा थाइरोइड ठीक हो जाएगा -
- अनुलोम व विलोम
- सर्वांगासन | Sarvangasana
- कपाल भाति
- उज्जायी प्राणायाम
- भस्त्रिका
- हलासन | Halasana
थायराइड के घरेलूउपचार -
यहां हम यह स्पष्ट करने की कोशिश करते हैं कि हर किसी की शारीरिक क्षमता और थायरॉयड चरण के परिणाम के रूप में इन घरेलू उपचारों का हर किसी पर प्रभाव होना असंभव है। इस तरह की स्थिति में, कुछ नुस्खे किसी पर असर कर सकते हैं और किसी पर नहीं करते । इसलिए, उपचार के साथ, आपको इन घरेलू उपचारों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए।
1. अश्वगंधा
सामग्री :
अश्वगंधा कैप्सूल (500mg)
उपयोग की विधि:
आप अश्वगंधा कैप्सूल रोज खा सकेंगे।
आमतौर पर कैसे उपयोग करें?
प्रतिदिन एक या 2 कैप्सूल का सेवन किया जा सकता है।
यह निम्नानुसार सहायक है:
अश्वगंधा को एएन एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। एडाप्टोजेन शरीर को तनाव से लड़ने की सुविधा प्रदान करेगा। पशुओ पर प्रयोगों में, यह पाया गया है कि अश्वगंधा अंतःस्रावी वृद्धि की सुविधा प्रदान करेगा। एक ही समय में, एक शोध के अनुसार, अश्वगंधा हाइपो थायराइड रोगियों के उपचार में उपयोगी हो सकता है। इसके अलावा, इसका परिणाम इसके अतिरिक्त व्यक्ति के थायरॉयड पर निर्भर करता है। इसलिए, यह केवल एक डॉक्टर की सलाह पर सेवन किया जाना चाहिए।
2. अलसी का बीज
सामग्री :
- तिलहन पाउडर का एक चम्मच
- एक गिलास दूध या फलों का रस पीने योग्य
उपयोग की विधि:
- तिलहन वाले पाउडर को पानी या फलों का रस मे रखें।
- इसे अच्छी तरह से मिलाएं और इसे पीएं।
आमतौर पर कैसे उपयोग करें?
आप इस मिश्रण को एक या दो बार रोजाना पियेंगे।
यह निम्नानुसार उपयोगी है:
ठीक से काम करने के लिए थायरॉयड ग्लैंड के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण घरेलू उपाय हो सकता है। इसमें ओमेगा थ्री फैटी एसिड होता है और जो लोग हायपोथायरॉडिज्म के जोखिम से बचाव चाहते हैं यदि किसी को थायरॉयड ग्रंथि संबंधी विकार है, वे डॉक्टर की सलाह के अनुसार अलसी लें सकते है। आयोडीन की कमी के कारण भी हो सकता है। इसलिए, डॉक्टर या विशेषज्ञ के निर्देशन में इसका सेवन करें।थाइरोइड के लोगों के लिए भोजन सुझाव
- अपने खाने की दिनचर्या के लिए उच्च फाइबर पोषण ना रखें।
- पोषण में वसा और शर्करा के माप को कम करें।
- ज़मीन की सब्ज़ियों से उगाए गए कुरकुरे खाद्य पदार्थ खाएं, हाइपो थायराइड में फूलगोभी, गोभी और ब्रोकोली के उपयोग ना करें।
- गैर-शाकाहारी पोषण, दूध और दूध की वस्तुओं (वसा वाले दूध के बिना सुझाव दिया गया है) के उपयोग के बिंदु, चावल, गर्म पोषण, परिष्कृत, सस्ते भोजन कम करे ।
योग निद्रा दबाव को कम करने और थायराइड के दोनो प्रकारों में घबराहट से निपटने के लिए उपयोगी है। हाइपरथायरॉइड का अनुभव करने वाले व्यक्ति सोच सकते हैं कि शाम के समय आराम करना मुश्किल है। योग आराम उन्हें दिन के दौरान एक स्फूर्तिदायक स्नूज़ के रूप में प्रोत्साहित करता है जो शरीर को महत्वपूर्ण आराम दे सकता है !
आपका ह्य्पोथाइरोइड 100 या 100 से अधिक है तो आप अंग्रेजी दवा (थायरोक्सिन सोडियम tablets I.P.)
और एक होम्योपैथिक दवा Thyroidinum 3X यह दवा थाइरोइड मे बहुत अच्छा काम करता है यह हाइपो थाइरोइड Hypothyroidism व हाइपर थाइरोइड | Hyperthyroidism दोनों मे काम करता है !
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